वाच्य (Voice)
निम्न वाक्यों में प्रयुक्त क्रियाओं पर ध्यान दीजिए-
- राम टेनिस खेलता है।
- राम द्वारा टेनिस खेली जाती है।
- राम से टेनिस नहीं खेली जाती।
इन वाक्यों में खेलता है, खेली जाती है, तथा नहीं खेली जाती है क्रियाएँ वाक्य में विधान के मुख्य विषय को बता रही हैं।
- वाक्य की क्रिया (खेलता है), कर्ता (राम) को मुख्य विषय बता रही है जो खेलने का कार्य कर रहा है।
- वाक्य की क्रिया (खेली जाती है), कर्म (टेनिस) को मुख्य विषय बता रही है जिसे कर्ता खेल रहा है।
- वाक्य की क्रिया (खेली नहीं जाती) भाव (खेलने की असमर्थता) को प्रकट कर रही है। अतः क्रिया का वह रुप जिससे यह जाना जाए कि वाक्य में क्रिया द्वारा किए हुए कार्य का प्रधान विषय कर्ता है, कर्म है, अथवा भाव है, उसे वाच्य कहते हैं।
वाच्य के तीन प्रकार हैं-
- कर्तृवाच्य (Active Voice)
राज पतंग उड़ा रहा है। - कर्मवाच्य(Passive Voice)
राज से पतंग उड़ाई जाती है। - भाववाच्य। (Impersonal Voice)
बच्चे से दौड़ा नहीं जाता।
कर्तृवाच्य
क्रिया के जिस रूप से यह प्रकट हो वाक्य में क्रिया का उद्देश्य कर्ता है,उसे कर्तृवाच्य कहते है। इसमें लिंग एवं वचन प्रायः कर्ता के अनुसार होते हैं।
जैसे-राज पत्र लिख रहा है।राज – कर्ता लिख रहा है -क्रिया
कर्मवाच्य
क्रिया के जिस रूप से यह प्रकट हो वाक्य में क्रिया का उद्देश्य कर्म प्रधान है, उसे कर्मवाच्य कहते हैं। इसमें लिंग एवं वचन कर्म के अनुसार होते हैं। जैसे- राज द्वारा पत्र लिखा जा रहा है।
भाववाच्य
क्रिया के जिस रूप में कर्ता या कर्म प्रधान न होकर केवल भाव प्रधान होता है, उसे भाववाच्य कहते हैं। इसमें मुख्यतः अकर्मक पुल्लिंग क्रिया का ही प्रयोग होता है। भाववाच्य में विशेषकर असमर्थता या अशक्ति का भाव होता है।
जैसे-बच्चे से सोया नहीं जाता।
वाच्य प्रयोग
तीन प्रकार के होते हैं-

· कर्तरि– वाक्य की क्रिया के लिंग, वचन और पुरुष कर्ता के लिंग, वचन और पुरुष के अनुरूप होते है।
जैसे- सोहन पुस्तक पढ़ता है।
· कर्मणि– वाक्य की क्रिया लिंग, वचन और पुरुष कर्म के लिंग, वचन और पुरुष के अनुरूप होते है।
जैसे- सीमा ने पत्र लिखा।
· भावे– इसमें क्रिया का रुप सदैव अन्य पुरुष, पुल्लिंग और एकवचन में रहता है, वह कर्ता या कर्म के अनुसार नहीं होता। भावे प्रयोग में क्रिया को सामान्य भूतकाल में बदलकर ̍जाना̍सहायक क्रिया का प्रयोग उस काल में करते हैं जिस रूप में कर्तृवाच्य की मुख्य क्रिया हो।
जैसे – दादी से चला नहीं जाता। अब हमसे सहा नहीं जाता।
वाच्य और प्रयोग
निम्नलिखित अंग्रेजी तथा हिन्दी के वाक्यों की ओर ध्यान दें
- Jack eats an apple.
- जैक सेब खाता है।
- An apple is eaten by jack.
- (अ) जैक (के द्वारा /से)सेब खाया जाता है।
- (आ) सेब (जैक के द्वारा/से) खाया जाता है।
उपर्युक्त हिन्दी/अंग्रेजी के वाक्य (1) कर्तृवाच्य (active Voice)हैं तथा (2) वाक्य अकर्तृवाच्य(Passive Voice) के वाक्य हैं।
इन वाक्यों से हम तीन नियम बना सकते हैं :

वाच्य परिवर्तन
एक वाच्य के वाक्य को दूसरे वाच्य के वाक्य में परिवर्तित करना, वाच्य परिवर्तन कहलाता है।
कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य बनाना
- कर्तृवाच्य की प्रधान क्रिया को सामान्य भूतकाल में बदल दिया जाता है।
- उस परिवर्तित क्रिया-रूप के साथ काल, पुरुष, वचन और लिंग के अनुरूप जाना क्रिया का रूप जोड़ना चाहिए।
- कर्मवाच्य में कर्म को कर्ता में तथा कर्ता को करण कारक में बदल दिया जाता है।
कर्तृवाच्य | कर्मवाच्य |
हीना फल खरीदेगी। | हीना के द्वारा फल खरीदे जाएँगे। |
श्याम पुस्तक पढ़ता है। | पुस्तक श्याम द्वारा पढ़ी जाती है। |
सिपाही ने चोर को पकड़ा। | सिपाही द्वारा चोर पकड़ा गया। |
माँ पानी नहीं पी सकती। | माँ द्वारा पानी नहीं पीया जाता। |
मैंने पत्र लिखा। | मेरे द्वारा पत्र लिखा गया। |
कुम्हार मिट्टी के बर्तन बनाता है। | कुम्हार द्वारा मिट्टी के बर्तन बनाए जाते हैं। |
दीदी चिट्ठी पढ़ती है। | दीदी द्वारा चिट्ठी पढ़ी जाती है। |
मरीज ने आज खाना खाया। | मरीज द्वारा आज खाना खाया गया। |
माली फूल तोड़ता है। | माली द्वारा फूल तोड़े जाते हैं। |
गायक ने मधुर गीत गाए। | गायक द्वारा मधुर गीत गाए गए। |
कर्तृवाच्य से भाववाच्य बनाना
- आवश्यकतानुसार निषेधसूचक नहीं का प्रयोग करना चाहिए।
- क्रिया को सामान्य भूतकाल में लाकर उसके काल के अनुरूप जाना क्रिया का रूप जोड़ना चाहिए।
- भाववाच्य में कर्ता को करण कारक में रखा जाता है।
- इसके लिए क्रिया अन्य पुरुष और एकवचन में रखनी चाहिए।
कर्तृवाच्य | भाववाच्य |
बच्चा हँसता है। | बच्चे से हँसा नहीं जाता है। |
किसान खेत में सोता है। | किसान द्वारा खेत में सोया जाता है। |
श्याम पढ़ता है। | श्याम से पढ़ा जाता है। |
मैं नहीं सोता। | मुझसे सोया नहीं जाता। |
अर्णव दौड़ नहीं सकता। | अर्णव से दौड़ा नहीं जा सकता। |
रमण तेज दौड़ता है। | रमण से तेज दौड़ा जाता है। |
मैं बैठ नहीं सकता। | मुझसे बैठा नहीं जाता। |
रात भर कैसे जागेंगे। | रात भर कैसे जागा जाएगा। |
दुखियारी हँस भी न सकी। | दुखियारी से हँसा भी न गया। |
मोटा व्यक्ति भाग नहीं सकता है। | मोटे व्यक्ति से भागा नहीं जाता है। |
कर्म वाच्य से कर्तृवाच्य बनाना
कर्मवाच्य में करण कारक में जो कर्ता हो, उसको कर्ता के रुप में बदल दिया जाता है।
कर्मवाच्य | कर्तृवाच्य |
रीमा द्वारा वीणा बजाई जाती है। | रीमा वीणा बजाती है। |
पिताजी द्वारा रिश्ते बनाकर तोड़े नहीं जाते थे। | पिताजी रिश्ते बनाकर तोड़ते नहीं थे। |
किसान द्वारा खेत में खाद डाली जाती है। | किसान खेत में खाद डालता है। |
पुलिस द्वारा लाठी चार्ज किया गया। | पुलिस ने लाठी चार्ज किया। |
माली से खेतों की सिंचाई हो रही हैं। | माली खेतो को सींच रहा है। |
मुझसे यह वजन नहीं उठाया जाएगा। | मैं यह वजन नहीं उठा सकूँगा। |
लोगों द्वारा नेताजी का स्वागत किया गया। | लोगों ने नेताजी का स्वागत किया। |
मंत्री द्वारा सड़क का उद्घाटन किया गया। | मंत्री ने सड़क का उद्घाटन किया। |
चित्रकार द्वारा चित्र बनाया जाता है। | चित्रकार चित्र बनाता है। |
पुलिस द्वारा अपराधी को पकड़ा गया। | पुलिस ने अपराधी को पकड़ा। |
भाव वाच्य से कर्तृ वाच्य बनाना
भाववाच्य में कर्ता, करण कारक में वर्तमान रहता है।
भाववाच्य | कर्तृवाच्य |
दादा जी से चला नहीं जाता। | दादा जी चल नहीं पातें। |
ऐसे गर्मी में रात भर कैसे बैठा जाएगा। | ऐसी गर्मी में रात भर कैसे बैठेंगे। |
घायल सैनिक से बोला भी नहीं जा रहा है। | घायल सैनिक बोल भी नहीं पा रहा है। |
माँ से रोया भी न जा सका। | माँ रो न सकी। |
घायल पक्षी से उड़ा न गया। | घायल पक्षी उड़ न सका। |
उसके द्वारा पार्क में प्रतिदिन दौड़ा जाता है। | वह पार्क में प्रतिदिन दौड़ता है। |
राधिका से हँसा नहीं जाता। | राधिका नहीं हँसती। |
वृद्ध महिला से चला नहीं जाता। | वृद्ध महिला चल नहीं सकती। |
अब घूमा जाय। | अब घूमें |
मुझसे बैठा नहीं जाता। | मैं बैठ नहीं सकता। |
