पदबंध (Phrase)
शब्द
वर्णों के सार्थक मेल को शब्द कहते हैं। जैसे- नीरव, नीता, आम, केला, दिल्ली, मुंबई, मनुष्य, पाठशाला, बुद्धिमान आदि।
वाक्य
एक विचार को व्यवस्थित रुप से प्रकट करने वाला सार्थक शब्द-समूह वाक्य कहलाता है।
जैसे-
नीरव और नीता पाठशाला जाते हैं।
नीरव बुद्धिमान बालक है।
पद
वाक्य से अलग रहने पर ‘शब्द’ और वाक्य में प्रयुक्त हो जाने पर शब्द ‘पद’ कहलाते हैं।
दूसरे शब्दों में- वाक्य में प्रयुक्त शब्द पद कहलाता है।
जैसे – नीता पाठशाला जाती है।
यहाँ पर ‘नीता’ शब्द वाक्य में प्रयुक्त होने के कारण पद बन गया है।
पद-परिचय
वाक्य में प्रयुक्त शब्द ही पद कहलाते हैं। वाक्य में प्रयुक्त शब्दों का परिचय ही पद-परिचय कहलाता है।
जैसे हम किसी व्यक्ति का परिचय कराते समय उसके नाम, काम, स्थान, आदि के बारे में बताते हैं
ठीक उसी प्रकार वाक्य में आए, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण क्रिया, संबंधबोधक आदि का परिचय कराना अर्थात् उनके भेद, वचन, लिंग, कारक, काल, तथा शब्दों से संबंध आदि की जानकारी देना ही पद परिचय कहलाता है।
जैसे
राज वहाँ पाँचवी कक्षा में पढ़ता था।
राज- संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ताकारक, ‘पढ़ता था’क्रिया का कर्ता।
वहाँ- क्रियाविशेषण, स्थानवाचक, ‘पढ़ता था’क्रिया स्थान निर्देश।
पाँचवी- विशेषण, क्रम वाचक, निश्चित संख्यावाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, मूलावस्था,
कक्षा विशेष का विशेषण।
कक्षा में- संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, अधिकरण कारक।
पढ़ता था- क्रिया, अकर्मक, पढ़ धातु, अन्य पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, भूतकाल, कर्तृवाच्य, कर्तरि प्रयोग, कर्ता राज।
पदबंध
एक से अधिक पद मिलकर व्याकरणिक इकाई बनती है, इस बंधी हुई इकाई को पदबंध कहते हैं। पदबंध वाक्य की तरह स्वंय में पूर्ण नहीं होते।
- 1. सबसे तेज दौड़ने वाला बालक जीत गया।
- 2. हड़ताल में शामिल होने से वह बीमार पड़ गई।
- 3. राघव अत्यंत सुशील और मेहनती है।
- 4. पानी बहता चला जा रहा है।
- 5. नदी कल-कल करती हुई बह रही थी।
उपर्युक्त वाक्यों में रंगीन छपे शब्द पदबंध है।
1. पहले वाक्य के ‘सबसे तेज दौड़ने वाला बालक’ में पाँच पद है, किन्तु वे मिलकर एक ही पद अर्थात् संज्ञा का कार्य कर रहे हैं।
2. दूसरे वाक्य में ‘हड़ताल में शामिल होने से वह’ में छह पद हैं, किन्तु वे मिलकर एक पद अर्थात् सर्वनाम का कार्य कर रहे हैं।
3. तीसरे वाक्य के ‘अत्यंत सुशील और मेहनती’ में भी चार पद हैं, किन्तु वे मिलकर एक ही पद अर्थात् विशेषण का कार्य कर रहे हैं।
4. चौथे वाक्य के ‘बहता चला जा रहा है’ में पाँच पद हैं किन्तु वे मिलकर एक ही पद अर्थात् क्रिया का काम कर रहे हैं।
5. पाँचवें वाक्य के ‘कल-कल करती हुई’ में तीन पद हैं, किन्तु वे मिलकर एक ही पद अर्थात् क्रिया विशेषण का काम कर रहे हैं।
विशेष: रचना की दृष्टि से पदबंध में तीन बातें जरूरी हैं …..
• इसमें एक से अधिक पद होते हैं।
• पद एक दूसरे से इस तरह संबद्ध होते हैं कि उनसे एक इकाई बन जाती है।
• पदबंध वाक्य का अंश होता है।
पदबंध के भेद
पदबंध के पाँच भेद होते हैं –

1. संज्ञा पदबंध – वाक्य में संज्ञा का कार्य करने वाला पदबंध, संज्ञा पदबंध कहलाता है।
दूसरे शब्दों में- पदबंध का अंतिम अथवा शीर्ष शब्द यदि संज्ञा हो और अन्य सभी पद उसी पर आश्रित हो तो वह ‘संज्ञा पदबंध’ कहलाता है।
उदाहरण –
- 1. माँ के आने का समाचार सुनकर वह बहुत प्रसन्न हुआ।
- 2. आसमान में उड़ता गुब्बारा फूट गया।
- 3. घर के आँगन में लगे पेड़ सूख गए।
- 4. आजकल बाजार में बहुत मीठे अंगूर आ रहे हैं।
- 5. मुंबई में स्थित ताज होटल बहुत ही सुंदर है।
2. सर्वनाम पदबंध- वाक्य में सर्वनाम का कार्य करने वाला पदबंध, सर्वनाम पदबंध कहलाता हैं।
उदाहरण–
- 1. शरारत करनेवाले छात्रों में से कोई पकड़ा नहीं गया।
- 2. विरोध करने वालों में से कोई नहीं बोला।
- 3. रेस्तरां में खड़ा मैं तुम्हारा इन्तजार करता रहा।
- 4. भाग्य की मारी तुम अब कहाँ जाओगी?
- 5. बिना सोचे समझे आप क्यों चले गए?
3. विशेषण पदबंध- वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हुए विशेषण का कार्य करने वाला पदबंध, विशेषण पदबंध कहलाता हैं।
उदाहरण–
- 1. रंग-बिरंगी, छोटे-बड़े खिलौने देखकर सोहन बहुत खुश हुआ।
- 2. तेज चलने वाले वाहन प्राय: देर से ही पहुँचते हैं।
- 3. नीली रंग वाली साड़ी मुझे बेहद पंसद है।
- 4. मुझे दो किलो पीसी हुई लाल मिर्च ला दो।
- 5. आठ बजे आने वाली गाड़ी आज एक बजे पहुँचीं।
4. क्रिया पदबंध- वाक्य में एक से अधिक क्रिया–पदों से मिलकर बनने वाला पदबंध, क्रिया पदबंध कहलाता हैं।
उदाहरण–
- 1. वह पेड़ पर चढ़ना चाहता है।
- 2. मुझे पिताजी छत से दिखाई दे रहे हैं।
- 3. राजू ने खाना खा लिया है।
- 4. वह पढ़ते-पढ़ते सो गया।
- 5. वह पढ़कर सो गया है।
5. क्रियाविशेषण पदबंध- वाक्य में जो पदबंध क्रियाविशेषण के रूप में प्रयुक्त होते हैं, क्रियाविशेषण पदबंध कहलाते हैं।
उदाहरण–
- 1. सुबह से रात तक वह पढ़ता रहा।
- 2. वह तेज दौड़ते दौड़ते थक गया।
- 3. वह बात-बात पर रोने लगता
- 4. वह बहुत तेजी से दौड़कर गया।
- 5. आज गाड़ी बहुत जल्दी आ गई।
