Vyakran Revision Notes for Idioms and Proverbs

मुहावरे और लोकोक्तियाँ (Idioms &Proverbs)

भाषा में मुहावरों का प्रयोग करने से उसकी सुन्दरता में चार चाँद लग जाते हैं, किन्तु यह अति आवश्यक है कि हम सही मुहावरों का प्रयोग करें वर्ना अर्थ का अनर्थ भी हो सकता है इसलिए चले सबसे पहले जाने मुहावरे कहते किसे हैं। मुहावरा मूलतः अरबी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है बातचीत करना या उत्तर देना। दूसरे शब्दों में कहा जाय तो मुहावरा वह वाक्यांश है जो अपने साधारण अर्थ को छोड़कर किसी विशेष अर्थ को व्यक्त करे।

जैसे इस उदाहरण को देखिए-

आँखें बिछाना इस का सामान्य अर्थ होता है आँखों को बिछाना परन्तु यदि इसके विशेष अर्थ की बात करें तो वह है किसी की प्रतीक्षा करना।

मुहावरों में सामान्य अर्थ को न लेकर उसके विशेष अर्थ को ही लिया जाता है।

तो इस प्रकार-

  • आँखें बिछाना- प्रतीक्षा करना
  • अपने पैरों पर खड़े होना- स्वावलंबी होना
  • कान कतरना- बहुत अधिक चालाक होना
  • चार चाँद लगाना-शोभा बढ़ाना
  • उल्लू बनाना- मूर्ख बनाना

लोकोक्ति- लोकोक्ति का अर्थ है लोक में प्रचलित उक्ति। लोकोक्तियाँ लोक-अनुभव से बनती हैं। लोकोक्ति में समाज का चिर-संचित अनुभव वाक्यों के रुप में रहता है। ऐसे वाक्यों को ही लोकोक्ति कहते हैं। इसे कहावत, जनश्रुति आदि भी कहते हैं।

उदाहरण-

  • दूध का दूध पानी का पानी- सच और झूठ का ठीक फैसला
  • अंधों में काना राजा- मूर्खों में पढ़ा-लिखा व्यक्ति
  • अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत- समय निकल जाने के बाद पछताना व्यर्थ है
  • अक्ल बड़ी या भैंस- बुद्धि शारीरिक शक्ति से अधिक श्रेष्ठ होती है
  • उल्टा चोर कोतवाल को डाँटें- अपराधी निरपराधी को डाँटें

मुहावरे और लोकोक्ति में अंतर

मुहावरालोकोक्ति
जो वाक्यांश अपने साधारण अर्थ को छोड़कर किसी विशेष अर्थ को व्यक्त करे उसे मुहावरा कहते हैं।      लोकोक्ति का अर्थ है लोक में प्रचलित उक्ति। लोकोक्तियाँ लोक-अनुभव से बनती हैं। लोकोक्ति में समाज का चिर-संचित अनुभव वाक्यों के रुप में रहता है। ऐसे वाक्यों को ही लोकोक्ति कहते हैं।
मुहावरा वाक्यांश है।लोकोक्ति संपूर्ण वाक्य है।
उदाहरण-आँख दिखाना (गुस्से से देखना)उदाहरण-आम के आम गुठलियों के दाम (दुगुना लाभ)
वाक्य में प्रयुक्त होने के बाद मुहावरों के रूप में लिंग, वचन, काल आदि व्याकरणिक कोटियों के कारण परिवर्तन होता है; जैसे-आँखें पथरा जाना।वाक्य प्रयोग- अपने खोए हुए बेटे का इंतजार करते-करते सुमन की आँखें पथरा गईं।लोकोक्तियों में प्रयोग के बाद में कोई परिवर्तन नहीं होता; जैसे- अधजल गगरी छलकत जाए।वाक्य प्रयोग- राघव अपनी योग्यता की डींगें मारता रहता है जबकि वह कितना योग्य है सब जानते हैं। उसके लिए तो यही कहावत उपयुक्त है कि ‘अधजल गगरी छलकत जाए।

वाक्य  प्रयोग सहित कुछ मुहावरे

  • अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना (स्वयं अपनी प्रशंसा करना)
    वाक्य प्रयोग: अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनने से क्या लाभ है? कोई काम करके दिखाओ तो जानें।
  • अक्ल का चरने जाना (समझ का अभाव होना)
    वाक्य प्रयोग: मेरी अक्ल घास चरने नहीं गई है जो तुम जैसे उधार न चुकाने वाले व्यक्ति से व्यापार करूँ।
  • अपने पैरों पर खड़ा होना (स्वावलंबी होना)
    वाक्य प्रयोग: नवयुवकों को अपने पैरों पर खड़े होना चाहिए।
  • अक्ल का दुश्मन (मूर्ख)
    वाक्य प्रयोग: शिव को समझाने से कोई लाभ नहीं, वह तो अक्ल का दुश्मन है।
  • अपना उल्लू सीधा करना (मतलब निकालना)
    वाक्य प्रयोग: आजकल के नेता अपना अपना उल्लू सीधा करने में विश्वास रखते हैं।
  • आँखें खुलना (सचेत होना)
    वाक्य प्रयोग: ठोकर खाने के बाद ही रमेश की आँखें खुलीं।
  • आँख का तारा (बहुत प्यारा)
    वाक्य प्रयोग: हरएक बच्चा अपनी माँ-बाप की आँखों का तारा होता है।
  • आँखें दिखाना (बहुत क्रोध करना)
    वाक्य प्रयोग: मैंने सच क्या कह दिया, तुम तो मुझे ही आँखें दिखाने लगे।
  • आसमान से बातें करना (बहुत ऊँचा होना)
    वाक्य प्रयोग: दुबई की बुर्ज-खलीफा इमारत आसमान से बातें करती है।.
  • ईंट का जबाब पत्थर से देना (जबरदस्त बदला लेना)
    वाक्य प्रयोग: भारत अपने दुश्मनों को ईंट का जबाब पत्थर से देगा।
  • ईद का चाँद होना (बहुत दिनों बाद दिखाई देना)
    वाक्य प्रयोग: नयी जिम्मेदारियों के कारण आजकल सुरेश ईद का चाँद बन गया है।
  • ड़ती चिड़िया पहचानना (रहस्य की बात दूर से जान लेना)
    वाक्य प्रयोग: हमारी अध्यापिका इतनी अनुभवी है कि उसे उड़ती चिड़िया पहचानने में देर नहीं लगती।
  • उन्नीस बीस का अंतर होना (बहुत कम अंतर होना)
    वाक्य प्रयोग: दोनों बहनों की पहचान कर पाना बहुत कठिन है, क्योंकि दोनों में उन्नीस- बीस का ही अंतर है।
  • कोल्हू का बैल (निरंतर काम में लगे रहना)
    वाक्य प्रयोग: कोल्हू के बैल की तरह काम करके भी गरीब किसान भरपेट भोजन नहीं पा सकते।
  • कुत्ते की मौत करना (बुरी तरह से मरना)
    वाक्य प्रयोग: जो लोग गलत काम करते है वह सदा कुत्ते की मौत मरते हैं।
  • कलेजे पर हाथ रखना (अपने दिल से पूछना)
    वाक्य प्रयोग: अपने कलेजे पर हाथ रखकर कहो कि क्या तुम पढ़ाई करते हो?
  • हाथ खींचना (साथ न देना)
    वाक्य प्रयोग: मुसीबत के समय सब हाथ खींच लेते हैं।
  • हाथ-पाँव मारना (प्रयास करना)
    वाक्य प्रयोग: हाथ-पाँव मारते मारते ही व्यक्ति अंत में सफलता प्राप्त करता है।
  • पानी फेर देना (निराश कर देना) वाक्य प्रयोग: रोहन ने तो पिताजी की आशाओं पर पानी फेर दिया।
  • हाथों के तोते उड़ना (दुख से हैरान होना)वाक्य प्रयोग: चाचा जी के निधन का समाचार पाते ही उसके हाथों के तोते उड़ गए।
  • कानोंकान खबर न होना (बिलकुल पता न चलना) वाक्य प्रयोग: इस बात की किसी को कानोंकान खबर न हो।
  • हवाई किले बनाना (झूठी कल्पनाएँ करना) वाक्य प्रयोग: हवाई किले ही बनाते रहोगे या अब अभ्यास भी करोगे।
  • छक्के छुडा़ना (बुरी तरह पराजित करना) वाक्य प्रयोग: भारतीय सेना ने दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए।
  • दुम दबाकर भागना- डर के मारे भागना वाक्य प्रयोग: पुलिस को आता देख लुटेरे दुम दबाकर भाग खड़े हुए।
  • गोबर गणेश- मूर्ख होनावाक्य प्रयोग: तुम उसे कुछ समझा नहीं सकते, वह गोबर गणेश है।
  • बात काटना( बीच में बोलना)वाक्य प्रयोग: इस तरह बड़ों की बात काटना उचित नहीं है।

अर्थ सहित कुछ अन्य मुहावरे

मुहावराअर्थ
अंग-अंग मुस्कानाबहुत प्रसन्न होना
अक्ल के पीछे लठ लिए फिरनासमझाने पर भी न मानना
आँख तरसनादेखने के लिए लालायित होना
आँखों का काँटाअप्रिय व्यक्ति
गरदन झुकानालज्जित होना
आँख लगनानींद आना
मुँह ताकनादूसरे पर आश्रित होना
घास खोदनाफिजूल समय बिताना
कान पर जूँ तक न रेंगनाकुछ असर न होना
दौड़-धूप करनाकठोर श्रम करना
दाने-दाने को तरसनाअत्यंत गरीब होना
रफूचक्कर होनाभाग जाना
सिर पर मौत खेलनामृत्यु समीप होना
मुँह उतरनाउदास होना
आड़े हाथों लेनाअच्छी तरह काबू करना
 हाथ साफ करनाचुरा लेना
हवा लगनाअसर पड़ना
गले मढ़नाजबरदस्ती किसी को कोई काम सौंपना
मुँह में पानी भर आनादिल ललचाना
पानी में आग लगानाशांति भंग कर देना
मुँह बंद करनाचुप कर देना
कलई खुलनारहस्य प्रकट हो जाना
टोपी उछालनाअपमानित करना
 नौ-दो ग्यारह होनाभाग जाना

वाक्य प्रयोग सहित कुछ लोकोक्तियाँ

  • एक पंथ दो काज (एक के काम से दूसरे का भी हो जाना) 
    वाक्य प्रयोग: आगरा जाने से एक पंथ दो काज होगें कवि सम्मलेन में भाग लेने के साथ ताजमहल भी देखने को मिलेगा।
  • एक हाथ से ताली नहीं बजती (झगड़ा एक ओर से नहीं होता)
    वाक्य प्रयोग:  दोनों ही अपने आप को निर्दोष बता रहे हैं परन्तु ये तो सबको पता है ताली एक हाथ से नहीं बजती।
  • एक तो चोरी दूसरी सीनाजोरी- गलत काम करके आँखें दिखाना
    वाक्य प्रयोग: एक मेरी ही दुकान में चोरी करते पकड़े गए और उस पर से मान भी नहीं रहे हो इसी को तो कहते हैं एक तो चोरी दूसरी सीनाजोरी।

  • ऊँची दुकान फीका पकवान (केवल ऊपरी दिखावा करना)
    वाक्य प्रयोग: पास के अनेक स्टोर बड़े प्रसिद्ध है, पर सब घटिया दर्जे का माल बेचते हैं। इसे कहते हैं- ऊँची दुकान फीका पकवान।
  • थोथा चना बाजे घना (जिसमें गुण नहीं होता वह दिखावा करता है)
    वाक्य प्रयोग: सीमा को पढ़ना लिखना क्या आ गया, सबको खुद बहुत पढ़ी है कहती फिरती है तभी तो गाँव के लोग कहते है- थोथा चना बाजे घना।
  • न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी (कारण के नष्ट होने पर कार्य न होना)
    वाक्य प्रयोग: दहेज देने की मुसीबत से बचने के लिए सरला ने विवाह न करने का निश्चय किया। उसने सोचा न रहेगा बाँस, न बजेगी बाँसुरी। 
  • दूध का दूध पानी का पानी (सच और झूठ का ठीक फैसला)
    वाक्य प्रयोग: न्यायाधीश ने दूध का दूध पानी का पानी कर दिखाया।
  • अंत भला सो भला (जिसका परिणाम अच्छा है, वह सर्वोत्तम है)
    वाक्य प्रयोग: राज पढ़ने में कमजोर था, लेकिन परीक्षा का समय आते-आते पूरी तैयारी कर ली और परीक्षा उत्तीर्ण की। इसी को कहते हैं अंत भला सो भला।
  • दूर के ढोल सुहावने (जो चीजें दूर से अच्छी लगती हों)
    वाक्य प्रयोग: उस शहर की बहुत प्रशंसा सुनते थे किन्तु जरा भी अच्छा नहीं था देखा तो पता चला-दूर के ढोल सुहावने।
  • सावन हरे न भादों सूखे (सदैव एक-सी स्थिति में रहना)
    वाक्य प्रयोग: सरकार किसी की भी हो गरीबों के लिए तो सावन हरे न भादों सूखे।
  • काठ की हाँडी बार-बार नहीं चढ़ती (धोखा-धड़ी से एक बार ही काम निकलता है)
    वाक्य प्रयोग: एक बार बचने का यह अर्थ नहीं कि तुम अपनी काठ की हाँडी बार-बार चढ़ा लोगे।
  • ऊँट के मुँह में जीरा (आवश्कता से काम वस्तु)
    वाक्य प्रयोग: पहलवान भीखम के सामने एक गिलास दूध का रखना मानो ऊँट के मुँह में जीरा रखने के समान हो।
  • का वर्षा जब कृषि सुखाने (समय बीत जाने पर सहायता करने से कोई लाभ नहीं होता)
    वाक्य प्रयोग: मोहन को व्यापार में नुकसान होने पर तो किसी ने मदद नहीं की और जब पूरा दिवाला निकल गया तो लोग मदद के लिए आने लगे इसे कहते हैं, का वर्षा जब कृषि सुखाने।
  • एक ही थैली के चट्टे-बट्टे (एक ही प्रवृत्ति के लोग)
    वाक्य प्रयोग: सुनो भाई, रोमन और सोमा दोनों पर ही विश्वास न करना दोनों एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं।
  • ऐरा गैरा नत्थू खैरा (मामूली आदमी)
    वाक्य प्रयोग: ये कोई ऐरा गैरा नत्थू खैरा नहीं बल्कि राजमिलन कंपनी के मालिक हैं।

अर्थ- सहित कुछ अन्य लोकोक्तियाँ

लोकोक्तिअर्थ
ओखली में सिर दिया तो मूसलों से क्या डरकष्ट सहने वाले व्यक्ति को कष्ट से डर नहीं लगता
कोयले की दलाली में मुँह कालाबुरों के साथ बुराई ही मिलती है
करे कोई भरे कोईअपराध कोई करे दंड किसी और को मिले
जल में रहकर मगर से वैरकिसी के आश्रय में रहकर उससे शत्रुता मोल लेना
काम का न काज का दुश्मन अनाज काकिसी काम का न होना
घर का भेदी लंका ढाएआपसी फूट के कारण भेद खोलना
खोदा पहाड़ निकली चुहियाबहुत अधिक परिश्रम का थोड़ा-सा लाभ मिलना
अधजल गगरी छलकत जाएकम गुण वाला व्यक्ति दिखावा बहुत करता है
अब पछताए होत क्या, जब चिड़ियाँ चुग गई खेतसमय निकल जाने पर पछताने से क्या लाभ
गरजने वाले बादल बरसते नहीं हैंबढ़ चढ़ कर बोलने वाले काम नहीं करते
नाच न जाने आँगन टेढ़ाकाम करना नहीं आना और बहाने बनाना
मन चंगा तो कठौती में गंगायदि मन पवित्र है तो घर ही तीर्थ है
घर की मुर्गी दाल बराबरघर की वस्तु और व्यक्ति को महत्त्व न देना
दोनों हाथों में लड्डूदोनों ओर से लाभ
नया नौ दिन पुराना सौ दिननई वस्तुओं का विश्वास नहीं होता, पुरानी वस्तु टिकाऊ होती है
बिन माँगे मोती मिले, माँगे मिले न भीखमाँगे बिना अच्छी वस्तु की प्राप्ति हो जाती है, माँगने पर साधारण भी नहीं मिलती
लातों के भूत बातों से नहीं मानतेशरारती समझाने से वश में नहीं आते
चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाएबहुत कंजूस होना
बगल में छुरी मुँह में रामभीतर से शत्रुता और ऊपर से मीठी बातें

ध्यान दें (Points to remember)

मुहावरा सामान्य अर्थ की बजाए विशेष अर्थ का बोध कराता है।

लोकोक्ति में लोगों का अनुभव होता है। यह अपने आप में पूरा वाक्य होती है।